.jpg)
.jpg)


वर्ष 1985 में रामजन्म भूमि का प्रश्न प्रत्येक राष्ट्रवादी भारतीय के मन को व्यथित कर रहा था। विश्व हिन्दू परिषद की गंगाजल यात्रा ने देश में जागृति का ज्वार ला दिया था। 24 वर्ष की युवा वय में किरण ने गंगाजल यात्रा से अपने लोक जीवन में पहला कदम रखा। शीघ्र ही वे विश्व हिन्दू परिषद की एक अति सक्रिय कार्यकर्ता बन गई। दुर्गा वाहिनी में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए किरण को हिन्दू समाज की स्थिति एवं व्यथा से परिचय हुआ।
+ और पढ़ें...कांकरोली से राजनीति में पहला कदम रखने वाली किरण माहेश्वरी आज राष्ट्रीय राजनीति में एक जाना पहचाना नाम है। मेवाड़ के गौरव को बढाने वाली, जनता के सुख दुख में सदैव भागीदारी करने वाली, अहंकार एवं अभियान से रहित, सरलता, सहजता एवं सादगी की प्रतिमूर्ति किरण जन जन की चहेती एवं लाड़ली बन गई है।
किरण का जीवन मंत्र है. अनवरत कार्यशीलता, व्यवहार में मृदुता एवं विनम्रता और लोक जीवन में पूर्ण पारदर्शिता।
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री एवं विधायक किरण माहेश्वरी के राजसमंद में जिला पुस्तकालय नहीं होने के संबंध में अतारांकित प्रश्न के उत्तर में राज्य सरकार ने माना कि राजसमंद में जिला पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
और पढ़ें..कोरोना विषाणु से फैली महामारी इस सदी का सबसे बड़ा संकट है। पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने जनसाधारण से अनुरोध किया है कि वे जनता कर्फ्यू का पूर्ण निष्ठा से पालना करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रविवार को रात्रि 9:00 बजे तक घर से बाहर नहीं निकलेंगे। हम साहस, संकल्प और संयम से ही इस आपदा का सामना कर सकते हैं।
और पढ़ें..